आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के रहने वाले वेनजेती वेंकटरमण रेड्डी जो एक फ़ोन पर ही मदद के लिए हो जाते हैं तैयार. वेनजेती वेंकटरमण रेड्डी की पहचान एक मसीहा के तौर पर की जाती है क्यूंकि, कभी भी किसी को मदद की ज़रुरत पड़ती है तो यह शख्स हमेशा हाज़िर रहते हैं. फिर चाहे वह मदद खून देने की हो, दवाइयों की ज़रुरत हो या फिर किसी के अंतिम संस्कार के लिए कोई ज़रुरत हो.
सूत्रों के मुताबिक़, वेनजेती वेंकटरमण रेड्डी पिछले 15 साल से इस तरह की सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. यह काम इनके जीवन जीने की वजह बन गया है और वह पिछले 15 सालों से यानी अपने स्कूल टाइम से इस काम को कर रहे हैं.

एक शख्स ने वेंकटरमण रेड्डी को लेकर कहा कि…अगर वह नहीं होते तो आज मेरा जीवन दुखो से भरा होता. इतना ही नहीं, रेड्डी खुद एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने दूसरों की मदद करने के अपने इस काम को नहीं छोड़ा.
इतना ही नहीं, रेड्डी एक ऐसे इंसान हैं जिन्हे गरीबो का बहुत ख्याल हैं. जब कभी किसी फंक्शन में खाना बच जाता है तो वह उसे उठा लेते हैं और उसे लेकर ओल्ड एज होम या फिर किसी सरकारी अस्पताल में चले जाते हैं और उनकी सेवा में लग जाते है, उन्हें खाना खिलाते हैं.

जानकारी के लिए बता दें, रेड्डी अबतक 250 लोगों का अंतिम संस्कार कर चुके है. रेड्डी के बारे में बात की जाए तो उनकी शादी 5 साल पहले हुई थी. उनकी पत्नी एक सरकारी कॉलेज में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लेक्चरर हैं. रेड्डी अनंतपुर के लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं क्यूंकि, उन्होंने अब तक कितनो के जीवन को सवार दिया है यह तो वह भी नहीं जानते.