नई दिल्ली: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का महापर्व छठ (Chhath festival) आज यानि 18 नवंबर से शुरू हो रहा है और 4 दिन का यह पवित्र त्योहार 21 नवंबर तक चलेगा। छठ का त्योहार नहाय खाय की परंपरा के साथ 18 नवंबर को शुरू हो जाएगा। व्रती इस दिन सात्विक भोजन को खाकर व्रत की शुरुआत करते हैं। मगर इस बार का यह महापर्व हम सभी के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार इस बार छठ की शुरुआत और समापन विशेष योग में हो रहा है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये योग और क्या होगा इनका महत्व…
इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में छठ का त्योहार मनाया जाएगा। 20 नवंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है और इसी के साथ उस दिन 9 बजकर 22 मिनट से इसी समय में रवि योग भी लगेगा। रवि योग बहुत ही शुभ माना जाता है। रवि योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य बहुत ही अच्छे फल देता है। मान्यता है कि इन योग में व्रत करने से सभी मुरादें पूर्ण होती हैं। छठ का व्रत करने वाले व्रतियों के लिए इस बार बहुत ही शुभ अवसर है। अगर आप कोई भी मुराद मन में रखकर व्रत कर रहे हैं तो छठ माई आपकी सभी मुरादें पूर्ण करेंगी।
वहीं करियर के लिए प्रभावी ग्रह माने जाने वाले गुरु मकर राशि में प्रवेश करेंगे और यहां पहले से मौजूद शनि के साथ युति कर रहे हैं। इस योग में भी छठ पर्व का होना बहुत ही शुभ माना जाता है। गुरु के मकर में प्रवेश करने से व्रतियों को शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन 9 बजकर 23 मिनट से श्रवण योग लग जाएगा। यह योग भी बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस बार छठ पूजा के दिन वृद्धि योग भी लग रहा है। सुख समृद्धि और धन वृद्धि के लिहाज से यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में छठ माता की पूजा कई गुना फल देती हैं। वृद्धि योग में पूजा करने से आपके घर के सुख में वृद्धि होती है और आपके परिवार के लोग हमेशा सुखी रहते हैं। वृद्धि योग 20 नवंबर को 8 बजकर 3 मिनट से वृद्धि योग अगले दिन तक सुबह 6 बजकर 44 मिनट तक। वहीं अगले दिन 21 नवंबर को सुबह ध्रुव योग में छठ पर्व का समापन होगा।