उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती सरकार कांग्रेस सरकार पर हमलावर हुई है। दरअसल मायावती ने राजस्थान में पुजारी की हत्या मामले पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। हाथरस कांड पर कांग्रेस सरकार का काफी तेजी दिखाते हुए हाथरस पहुंचने का फैसला अब भारी पड़ता नजर आ रहा है। इस मामले पर सभी राजनीतिक दल कांग्रेस का लगातार घेराव कर रहे हैं। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कांग्रेस पर तीखे तल्खों से वार किया है। मायावती ने कहा है कि हाथरस कांड पर सक्रिय दिखने वाले राजस्थान में पुजारी की हत्या पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
1. यू.पी. की तरह राजस्थान प्रदेश में भी कांग्रेसी राज में वहाँ हर प्रकार के अपराध व उनमें खासकर निर्दोषों की हत्या, दलित एवं महिलाओं का उत्पीड़न आदि चरम सीमा पर है, अर्थात् यहाँ भी कानून का नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। अति- शर्मनाक व अति-चिन्ताजनक। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 11, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस का राज है। ऐसे में कांग्रेस राज में हर प्रकार के अपराध और उन में खासकर निर्दोषों की हत्या, दलित और महिलाओं का उत्पीड़न आदि चरम पर है। अर्थात वह कानून का नहीं बल्कि जंगल राज का राज चल रहा है। इन सभी मामलों पर कांग्रेस सरकार क्यों चुप है?
2. लेकिन यहाँ कांग्रेसी नेता अपनी सरकार पर शिकंजा कसने की बजाए खामोश हैं। इससे यह लगता है कि यू.पी. में अभी तक जिन भी पीड़ितों से ये मिले हैं तो यह केवल इनकी वोट की राजनीति है व कुछ भी नहीं। जनता ऐसी ड्रामेबाजियों से सर्तक रहे, बी.एस.पी. की यह सलाह। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) October 11, 2020
मायावती ने हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस के नेताओं से सवाल किए हैं। मायावती ने कहा कि राजस्थान पंडित हत्या मामले में कांग्रेस सरकार क्यों चुप्पी साधे बैठी है। वहां इनकी अपनी सरकार है क्या यही कारण है कि कांग्रेस सरकार ने चुप्पी साध रखी है। वहां पर दो बालिकाओं के साथ दुष्कर्म का मामला भी सामने आया, लेकिन कांग्रेस सरकार और उनके बड़े नेता अब तक इस मामले पर कुछ नहीं बोले…यह तो बेहद ही शर्मनाक और अति चिंताजनक है।

बता दे यह मामला राजस्थान के करौली जिले का है, जहां सपोटा इलाके के बूकना गांव में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव की जलाकर हत्या कर दी है। शुक्रवार देर रात उनका शव जयपुर से उनके गांव लाया गया। इसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया और सरकार के आगे अपनी मांगे रखी। परिवार में 50 लाख रुपए का मुआवज़ा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी है।

वह इस मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद परिवार अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गया है। आरोपियों की मदद करने वाले पटवारी और एसएचओ को भी निलंबित कर दिया गया है। इस मांग को लेकर गांव में विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है।