बेटी की आंखों में थे डॉक्टर बनने के सपने तो पिता ने अपनी गरीबी को बेटी के सपनों के आड़े नहीं आने दिया। यह कोई कहानी नहीं है बल्कि ओडिशा के एक गांव की असल घटना है, जहां एक किसान ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए घर की कमाई का एकमात्र साधन गाय बेच दी और फोन खरीदा ताकि गरीबी बेटी की पढ़ाई के आड़े ना आये। क्या है यह पूरी कहानी आइए हम आपको बताते हैं।

उड़ीसा के दूत कादीपुर गांव के गणेश्वर में रहने वाले एक गरीब किसान ने अपनी गाय इसलिए बेच दी क्योंकि बिना फोन के बेटी की ऑनलाइन क्लासेस रुकी हुई थी। दरअसल कोरोना महामारी के चलते इन दिनों ज्यादातर स्कूल बंद है। ऐसे में पढ़ाई का स्तर ऑनलाइन क्लासेज के ऊपर टिका हुआ है। ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए यह जरूरी है कि आपके पास स्मार्टफोन हो।

इस मुश्किल घड़ी में गरीब किसान के घर में पैसे नहीं थे, लेकिन बेटी की पढ़ाई उनकी सबसे पहली प्राथमिकता थी। बेटी के सपने पूरे करना उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा था। ऐसे में उन्होंने अपनी गाय बेच देना बेटी की पढ़ाई से ऊपर रखा। वहीं इस मामले के बारे में जब ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को पता चला तो उन्होंने इसकी कहानी अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर शेयर किया।

इस कहानी को पढ़ने के बाद इंडिया के पहले डेरी स्टार्टअप मिल्क मंत्रा के फाउंडर श्रीकुमार मिश्रा काफी भावुक हो गए। इसके बाद उन्होंने गणेश्वर को एक गाय गिफ्ट करने का फैसला किया। श्रीकुमार मिश्रा ने पिता की मजबूरी और बेटी की पढ़ाई दोनों बातों को तवज्जो दी। उन्होंने कहा यह कहानी बेहद भावुक कर देने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने गरीब किसान को हाइब्रिड गाय का बछड़ा उपहार के तौर पर दिया।

गौरतलब है कि गणेश्वर ने अपनी गाय 6,500 में बेची थी। इसके बाद उन्होंने 2000 उधार लेकर फोन खरीदा। वही श्रीकुमार मिश्रा से उपहार में मिली गाय पर गणेश्वर मिश्रा ने तहे दिल से उनका धन्यवाद किया और कहा कि हम मिश्रा जी को हमेशा याद रखेंगे, हम उनके आभारी हैं।